Manish Sharma

प्रकाश के वर्ण विक्षेपण से क्या समझते हैं ?

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण

सर्वप्रथम न्यूटन ने सन 1666 ईo में प्रिज्म द्वारा प्रकाश के अपवर्तन की घटना का विश्लेषण कर बताया की सूर्य का प्रकाश सात रंगो से मिलकर बना होता है अर्थात जब स्वेत प्रकाश या सूर्य के प्रकाश को किसी प्रिज्म से होकर गुजारा जाता है तो वह निर्गत होकर आधार की ओर मुड़ जाती है तथा वे किरणे सात रंगो में विभक्त हो जाती है जब प्रकाश की किरणे किसी प्रिज्म से होकर गुजरती है तो वह अपने अवयवी सात रंगो में विभक्त हो जाती है प्रकाश के इस तरह विभक्त होने की घटना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहलाती है  

वर्ण पट्ट ( SPECTRUM ) :-

जब स्वेत प्रकाश की किरणे किसी प्रिज्म से होकर गुजरती है तो वह सात रंगो मे विभक्त होकर एक रंगीन पट्टी का निर्माण करती है इस रंगीन पट्टी को वर्णपट्ट कहा जाता है। 

  • वर्ण पट्ट मे रगों का क्रम Violet , indigo , Bule , Green , Yellow , orang , Red होता है चूकि अलग अलग रंगो का तरंगदैध्र्य भिन्न भिन्न होता है इसलिए वर्ण पट्ट या रंगीन पट्टी का निर्माण होता है इसमें सबसे अधिक तरंगदैध्र्य लाल रंग का होता है और सबसे कम तरंगदैध्र्य बैंगनी रंग का होता है।
वर्ण पट्ट के प्रकार :-

  1. शुद्ध वर्णपट्ट 
  2. अशुद्ध वर्णपट्ट 
  3. रेखिल वर्णपट्ट 
  4. बेण्ड वर्णपट्ट 
  5. सतत वर्णपट्ट 
  6. अंध वर्णपट्ट 
शुद्ध वर्णपट्ट :-

वे वर्णपट्ट जिसमे सभी रंग एक दूसरे पर आच्छादित नही होते है अर्थात स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ते है उसे शुद्ध वर्णपट्ट कहते है।  

अशुद्ध वर्णपट्ट :-

वे वर्णपट्ट जिसमे सभी रंग एक दूसरे पर आच्छादित होते है अर्थात स्पष्ट रूप से नही दिखाई पड़ते है उसे अशुद्ध वर्णपट्ट कहते है। 

रेखिल वर्णपट्ट :-

यदि प्रकाश स्रोत परमाणुओं मे विघटित हो गया हो तो उत्पनन वर्णपट्ट रेखिल ( line spectrum ) होता है। 

बेण्ड वर्णपट्ट :-

यदि प्रकाश स्रोत अणुओ मे विघटित हो तो उत्पनन शुद्ध वर्णपट्ट बेण्ड होता है उसे बेण्ड वर्णपट्ट कहते है। 

सतत वर्णपट्ट :-

यदि प्रकाश स्रोत ठोस या द्रव अवस्था में हो तो प्राप्त वर्णपट्ट सतत वर्णपट्ट कहलाता है। 

अंध वर्णपट्ट :-

यदि प्रकाश स्रोत से चला प्रकाश वर्ण विक्षेपण से पूर्व अवशोषक परमाणुओ से गुजरे, तो वर्णपट्ट में अवशोषित रंग अनुपस्थित हो जाते है यह वर्णपट्ट अंध ( dark ) वर्णपट्ट या अनुपस्थित वर्णपट्ट कहलाता है। 

हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम :-

एक विधुत विसर्ग नली मे निम्न दाब पर हाइड्रोजन भरकर विधुत धारा प्रभावित किया जाता है जिसमे विसर्ग नली से हलका नीला प्रकाश उत्सर्जन होने लगता है इस प्रकाश की किरण को एक प्रिज्म से होकर गुजरने पर एक असतत रैखिक स्पेक्ट्रम प्राप्त होता है जिसे हाइड्रोजन का उत्सर्जन स्पेक्ट्रम हाइड्रोजन कहा जाता है।


 

हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम के निम्नलिखित श्रेणियाँ है :-

  1. लाइमन श्रेणी 
  2. बामार श्रेणी 
  3. पाश्च्न श्रेणी 
  4. ब्रैकेट श्रेणी 
  5. फुण्ड श्रेणी
लाइमन श्रेणी :- 

जब हाइड्रोजन का परमाणु किसी उच्च उर्जा स्तर से निम्न या प्रथम उर्जा स्तर मे आता है तो उत्सर्जित स्पेक्ट्रम रेखा एक श्रेणी का निर्माण करता है जिसे लाइमन श्रेणी कहते है 
  • यह श्रेणी प्राबेगनी या अल्ट्राभालेट भाग मे मिलती है।
बामर श्रेणी :-

जब हाइड्रोजन का परमाणु किसी उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न या द्वितीय ऊर्जा स्तर से आता है तो उतसर्जित स्पेक्ट्रम रेखा का निर्माण करता है जिसे बामर श्रेणी कहते है। 

पाश्च्न श्रेणी :-

जब हाइड्रोजन का परमाणु किसी उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न या तृतीय ऊर्जा स्तर मे आता है तो उतसर्जित स्पेक्ट्रम रेखा एक श्रेणी का निर्माण करता है जिसे पाश्च्न श्रेणी कहते है। 

ब्रैकेट श्रेणी :-

जब हाइड्रोजन का परमाणु किसी उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न या चतुर्थ ऊर्जा स्तर मे आता है तो उतसर्जित स्पेक्ट्रम रेखा एक श्रेणी का निर्माण करता है जिसे ब्रैकेट श्रेणी कहते है। 
  • यह श्रेणी दूर या सुदूर अवरक्त क्षेत्र मे मिलता है। 
फुण्ड श्रेणी :-

जब हाइड्रोजन का परमाणु किसी उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न या पंचम ऊर्जा स्तर में आता है तो उतसर्जित स्पेक्ट्रम रेखा एक श्रेणी का निर्माण करता है उसे फुण्ड श्रेणी कहते है। 

कोणीय वर्ण विक्षेपण :-

किसी प्रिज्म से अपवर्तन के पश्चात दो रंगो के निर्गत किरणों के बीच के कोण को कोणीय वर्ण विक्षेपण कहते है। 
  • इसे Q से सूचित किया जाता है। 
वर्ण विक्षेपण क्षमता :-

किसी प्रिज्म द्वारा बैंगनी तथा लाल किरणों के लिए कोणीय वर्ण - विक्षेपण तथा मध्य किरण ( पिले रंग की किरण ) के लिए विचलन कोण के अनुपात को उस प्रिज्म के पदार्थ को वर्ण विक्षेपण क्षमता कहते है। 
  • इसे w से सूचित किया जाता है। 

Post a Comment

0 Comments