Manish Sharma

बल क्या है? बल कितने प्रकार के होते है?

 बल (Force)

बल वह भौतिक राशि है जो किसी स्थिर वस्तु को गतिशील तथा गतिशील वस्तु को स्थिर कर देता है अथवा ऐसा करने की चेष्टा करता है उसे बल कहते है। 

  • यह एक प्रकार का खिचाव या धक्का है| 
  • इसे F से सूचित किया जाता है |
  • यह एक सदिश राशि है |
  • इसका मान धनात्मक , ऋणात्मक एवं शून्य तीनों हो सकता है| 
  • इसका विमीय सुत्र [ MLT-2] होता है|   
  •  इसका S.I मात्रक Kgms-2 या N(न्यूटन) होता है| 
  • इसका C.G.S मात्रक gcms-2 या dyne(डायन) होता है| 
  • 1 न्यूटन = 10होता है |
  • 1Kgms-2  = 1 न्यूटन होता है|  
  • बल की इकाई किग्रा/सेकंड2 होता है| 
  • बल का सूत्र F = ma होता है जहाँ F = बल , m = द्रव्यमान , a = त्वरण 
बल का प्रभाव :-
  • बल किसी स्थिर वस्तु को गतिशील बनाता है , उदाहरण - एक फुटबॉल को पैर से धक्का मारने पर वह गतिशील हो जाती है 
  • बल किसी भी गतिशील वस्तु को स्थिर कर देता है जैसे - गाड़ियों में ब्रेक लगाने से गाड़ी रुक जाती है 
  • बल किसी भी गतिशील वस्तु की दिशा बदल देता है जैसे - साइकिल के हैंडल पर बल लगाने से उसकी दिशा बदल जाती है इसी प्रकार कार का स्टिरिंग घुमाने से दिशा बदल जाती है 
  • बल किसी गतिशील वस्तु के वेग में परिवर्तन कर देता है त्वरित करने से किसी वाहन के वेग को बढ़ाया जा सकता है और ब्रेक लगाने से इसके वेग को कम किया जा सकता है 
  • बल किसी वस्तु की आकृति और आकार में परिवर्तन कर देता है जैसे - हथौड़ा मारने से किसी भी पत्थर के कई टुकड़े हो जाते है।
  • बल लगाकर आकार में परिवर्तन किया जा सकता है। 
  • वस्तु के गति की दिशा को परिवर्त्तन किया जा सकता है।  
बल दो प्रकार के होते है :-
  1. संपर्क बल 
  2. असंपर्क बल 
चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं,संपर्क बल -वे -बल है जो किसी वस्तु के संपर्क में आने पर लगता या लगाया जाता हैं  संपर्क बल कहलाता है | जैसे 1. पुस्तक तथा मेज के पृष्ठों के मध्य लगा घर्षण बल | 2. पेशियाँ किसी वस्तु के संपर्क में हो तब लगाया गया पेशिय बल | 
चलिए अब समझते है,असम्पर्क बल क्या हैं ?
असम्पर्क बल वे बल है जो,किसी वस्तु के संपर्क में आए बिना ही लगते या लजाए जाते हैं असम्पर्क बल कहलाता है| जैसे 1. किसी चुम्बक द्वारा लोहें के टुकड़े पर लगाया गया चुम्ब्कीय बल | 2. पृथ्वी के वस्तुओं पर लगाया जाने वाला आकर्षण बल (गुरुत्व बल )| 

उदहारण :-

  1. यदि 10g की कोई वस्तु पर 5 न्यूटन का बल आरोपित किया जाय तो उसका त्वरण क्या होगा। 

                            m = 10g 

                                = 10 * 10-3

                                = 10-2Kg 

                            बल = 5 न्यूटन 

                            बल = द्रवमान * त्वरण 

                            त्वरण = बल/द्रवमान 

                                       = 5/ 10-2

                                        = 5 * 100

                                        = 500 m/S2

घर्षण बल (Frictional Force):-

वे बल जो दो वस्तुएँ के परस्पर स्पर्श करने से उत्पन होते है तथा जो दूसरे वस्तु के गति में अवरोध उत्पन करते है उसे घर्षण बल कहते है। 

घर्षण बल दो प्रकार के होते है :-

  1. सपी घर्षण (Sliding Frictional)
  2. लोटनिक घर्षण (Rolling Frictional)
सपी घर्षण :-

जब कोई वस्तु खिसकर गति करती है तो वस्तु की गति की दिशा के विरुद्ध लगता है उसे सपी घर्षण कहते है। 

लोटनिक घर्षण :-

जब कोई वस्तु लुडककर गति करता है तो उसकी गति की दिशा के विरुद्ध घर्षण लगता है उसे लोटनिक घर्षण कहते है। 

घर्षण के नियम :-

  1. घर्षण बल की दिशा हमेशा वस्तु को चलानेवाली बल के विपरीत होती है। 
  2. किन्ही दो सतहों के बीच घर्षण बल का मान वस्तु पर सतह की अभिलंब प्रतिकिर्या के मान के समानुपाति होता है। 
  3. घर्षण गुणांक का मान सतहों की प्रकीर्ति पर निर्भर करता है। 
  4. यदि सतहों के बीच लगनेवाला अभिलंब पर्तिकिर्या बल स्थिर हो तो घर्षण बल स्पर्श की सतहों के आकार या क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है। 
अन्योन्य क्रिया :-

कणों के बीच या वस्तुओ के बीच आकर्षण प्रतिकर्षण अथवा क्रिया - प्रतिक्रिया के रूप मे लगने वाले बल को अन्योन्य क्रिया कहते है। 
  • प्रकिति मे होनेवाली सभी घटनाएं इसी अन्योन्य क्रिया के कारण घटित होती है 
  • प्रकृति मे होनेवाली सभी अन्योन्य क्रिया किसी न किसी मोलिक बलों के कारण होती है इन बलो को मुख्यतः चार श्रेणियों मे बाटा गया है 
  1. गुरत्वीय अन्योन्य क्रिया 
  2. विधुत चुम्ब्कीय अन्योन्य क्रिया 
  3. नाभिकीय बल 
  4. मंद अन्योन्य क्रिया 
परिणामी बल ( Resultant force ):-

किसी वस्तु पर लगने वाला वह अकेला बल जो उस वस्तु पर एक साथ क्रियाशील अनेक बलो के समान प्रभाव उत्पनन करते है उसे परिणामी बल कहते है। 
  • यदि एक गेंद पर f 1, f 2 तथा f 3 तीन बल एक साथ क्रियाशील हो यदि इन तीनो बलो के एक साथ क्रियाशील होने से उत्पनन प्रभाव अकेला बल f स्वयं उत्पनन कर देता है तो यह वह अकेला बल उन तीनो बलो का परिणामी बल कहलाता है। 
परिणामी बल दो प्रकार के होते है :-
  1. असंतुलित बल ( unbalanced force )
  2. संतुलित बल ( balanced force )
संतुलित बल :-

जब किसी वस्तु पर एक साथ अनेक बल इस प्रकार क्रियाशील हो की उसका परिणामी बल शून्य हो तो ऐसे बलो को संतुलित बल कहते है। 
  • संतुलित बल स्थिर वस्तु को गति में नही ला सकता है तथा गतिशील वस्तु में कोई परिवर्तन नही ला सकता है। 
असंतुलित बल :-

जब किसी वस्तु पर एक साथ अनेक बल इस प्रकार क्रियाशील हो कि उनका परिणामी बल शून्य नही हो तो ऐसे बलो को असंतुलित बल कहते है। 
  • यह बल स्थिर वस्तु को गति में ला सकता है तथा गतिशील वस्तु को गति में परिवर्तन कर सकता है। 
दूरी पर क्रिया बल :-

वे बल जिसे आरोपित करने के लिए दो वस्तुए के संपर्क की आवश्यकता नही होती है उसे दूरी पर क्रिया बल कहते है। 

दूरी पर क्रिया बल दो प्रकार के होते है :-
  1. विधुत बल 
  2. चुम्ब्कीय बल 
विधुत बल :-

दो वस्तु पर उपस्थित आवेश के कारण उत्पनन होने वाले बल को विधुत बल कहते है। 
  • ये आकर्षण या प्रतिकर्षण बल हो सकते है। 
चुम्ब्कीय बल :-

दो वस्तुओ के चुम्ब्कीय गुण तथा विपरीत ध्रुवो के कारण उत्पनन होने वाले बल को चुम्ब्कीय बल कहते है। 
  • ये आकर्षण या प्रतिकर्षण बल हो सकते है। 

 

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