Manish Sharma

चुंबकीय गुण क्या है चुंबकीय गुण के आधार पर पदार्थ को कितने भागों में बाँटा गया है ?

चुंबकीय गुण  

सभी पदार्थो के साथ कुछ चुंबकीय गुण संबंधित होते है इन गुणो की उत्पति इलेक्ट्रॉनों के कारण होती है एक परमाणु में प्र्त्येक इलेक्ट्रॉन एक सूक्ष्म चुंबक की तरह व्यवहार करता है उसका चुंबकीय आघूर्ण दो प्रकार की गतियों से उत्पनन होता है 1. उसकी नाभिक के चारो कक्षक गति 2. उसका अपने अक्ष पर चारो ओर चक्रण 

इलेक्ट्रॉन एक आवेशित कण होने के कारण एवं इस प्रकार की गतियों के कारण एक छोटे विधुत परिपथ के रूप में समझा जा सकता है जिसमें चुंबकीय आघूर्ण पाया जाता है इस प्रकार प्र्त्येक इलेक्ट्रॉन के साथ स्थाई चक्रण और चुंबकीय आघूर्ण संयुक्त रहता है इस चुंबकीय आघूर्ण का परिमाण बहुत कम होता है इसे मापे जाने वाली इकाई को मैग्नेट्रॉन कहा जाता है यह 9.27 * 10-24 Am2 के बराबर होता है। 

चुंबकीय गुणों के आधार पर पदार्थो को पाँच भागो में बाटा गया है :-

  1. अनुचुंबकीय पदार्थ 
  2. प्रतिचुंबकीय पदार्थ 
  3. लौहचुंबकीय पदार्थ 
  4. प्रतिलौहचुंबकीय पदार्थ 
  5. फेरी-चुंबकीय पदार्थ 
अनुचुंबकीय पदार्थ :-

वे ठोस पदार्थ जो चुंबक द्वारा आकर्षित होते है लेकिन चुंबक हटा लेने पर अपना चुंबकीय अभिलक्षण खो देता है उसे अनुचुंबकीय पदार्थ कहते है। 
  • इसमें उपस्थित तत्वों के परमाणु में कुछ अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है जिनके चक्रण या चुंबकीय आघूर्ण चुंबकीय गुण को प्रदर्शित करते है 
  • इसका चुंबकीय गुण या अभिलक्षण अस्थाई होता है तथा तभी तक रहता है जब तक बाह्य क्षेत्र उपस्थित रहता है 
  • अनेक सक्रमक धातुएँ जैसे कोबाल्ट , निकेल , लोहा , ताँबा आदि और इनके आयन अणु चुंबकीय होते है इसी प्रकार डायऑक्सीजन , नाइट्रिक ऑक्साइड में भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है इसलिए ये अनुचुंबकीय होते है 
  • जिन पदार्थों में इस प्रकार का गुण पाया जाता है उसे अनुचुंबकत्व कहते है 
प्रतिचुंबकीय पदार्थ :-

वे ठोस पदार्थ जिसमें बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से कोई परिणामी चुंबकीय आघूर्ण उत्पनन नही होता है आर्थात जो बाह्य चुंबकीय क्षेत्र द्वारा दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित हो सकते है उसे प्रतिचुंबकीय पदार्थ कहते है। 
  • इन पदार्थों में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होता है 
  • जिन पदार्थो में इस प्रकार का गुण पाया जाता है उसे प्रतिचुंबकत्व कहते है जैसे Zn आदि। 
लौहचुंबकीय पदार्थ :-

वे ठोस पदार्थ जिसमे एक बार चुंबकीय गुण आने के बाद चुंबक के सम्पर्क में नही रहने पर भी अपना चुंबकीय गुण बनाएं रहते है उसे लौहचुंबकीय पदार्थ कहते है। 
  • कुछ अनुचुंबकीय पदार्थ जैसे Fe , Co तथा Ni चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से स्थाई चुंबक बन जाते है 
  • अनुचुंबकीय पदार्थो में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन के कारण उनके चुंबकीय आघूर्ण के एक ही दिशा में स्वतः अनुरेखन होता है जिसके कारण लौहचुंबकीय उत्पनन होता है 
  • क्रोमियम ऑक्साइड लौहचुंबकीय पदार्थ होता है जिसका उपयोग ओडियो रिकॉडिंग के लिए चुंबकीय टेप में किया जाता है 
  • इसे फेरोचुंबकीय पदार्थ कहा जाता है 
  • जिन पदार्थ में इस प्रकार का गुण पाया जाता है उसे लौहचुंबकत्व कहते है 
प्रतिलौहचुंबकीय पदार्थ :-

वे ठोस पदार्थ जिसमे बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव को इलेक्ट्रॉनों के चुंबकीय आघूर्ण का संरेखण परस्पर निरस्त हो जाता है तो उसे प्रतिलौहचुंबकीय पदार्थ कहते है। 
  • इसका चुंबकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है 
  • मेगनीज ऑक्साइड प्रकृति में प्रतिलौहचुंबकीय पदार्थ होता है 
  • इसे एंटिफेरोचुंबकीय पदार्थ भी कहा जाता है 
  • जिन पदार्थ में इस प्रकार का गुण पाया जाता है उसे प्रतिलौहचुंबकत्व पदार्थ कहते है 
फेरीचुंबकीय पदार्थ :-

जब अनुचुंबकीय पदार्थ के निकट बाह्य चुंबकीय पदार्थ को लाया जाता है तो चुंबकीय आघूर्ण या इलेक्ट्रॉन चक्रण का अनुरेखण असमान संख्या में समांतर तथा प्रतिसमांतर दिशाओ में होता है तो उसे फेरीचुंबकीय पदार्थ कहते है।
  • इसमें चुंबकीय गुण स्थाई तो होते है लेकिन लौह चुंबकीय पदार्थ से कम 
  • वह निश्चित ताप जिस ताप पर लौह चुंबकीय , प्रतिलौहचुंबकीय , फेरीचुंबकीय पदार्थो को गर्म करने पर अनुचुंबकीय पदार्थ में बदल जाते है उसे क्यूरी ताप कहते है 
  • जिस पदार्थ में इस प्रकार का गुण पाया जाता है उसे फेरीचुंबकत्व कहते है   

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