Manish Sharma

विलयन क्या है ? विलयन कितने प्रकार के होते है?

विलयन  

दो या दो से अधिक क्रिया नही करने वाले पदार्थों के समांगी मिश्नण को विलयन कहते है। 

  • इसे संक्षेप मे सोलन (soln) द्वारा व्यक्त किया जाता है  
अवयवो की संख्या के आधार पर विलयन को निम्नलिखित भागो मे बाटा गया है :-

  1. द्विअंगी विलयन 
  2. त्रिअंगी विलयन 
  3. बहुअंगी विलयन 
  4. चतुरअंगी विलयन 
द्विअंगी विलयन :-

वे विलयन जिसमे दो अवयव उपस्थित रहते है उसे द्विअंगी विलयन कहते है।

द्विअंगी विलयन के दो अवयव निम्नलिखित है :-
  1. विलेय 
  2. विलायक 
विलेय :-

वे पदार्थ जिसको दूसरे पदार्थ में मिलाया जाता है तथा विलयन में जिसकी मात्रा कम होती है उसे विलेय कहते है। 
  • इसे घुल्य भी कहा जाता है जैसे नमक , चीनी इत्यादि। 
विलायक :-

वे पदार्थ जिसको दूसरे पदार्थ में मिलाया या घुलाया जाता है तथा जिसकी मात्रा विलयन में अधिक होता है उसे विलायक कहते है। 
  • इसे घोलक भी कहा जाता है जैसे जल , बेंजीन इत्यादि। 
अर्थात; 

                घोल = घुल्य + घोलक 
                
                विलयन = विलेय + विलायक 

जल की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर विलयन को दो भोगो में बाटा गया है :-
  1. जलीय विलयन 
  2. अजलीय विलयन 
जलीय विलयन :-

वे विलयन जिसमे विलायक के रूप में जल उपस्थित रहते है उसे जलीय विलयन कहते है जैसे , सरबत इत्यादि। 

अजलीय विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलायक के रूप में जल उपस्थित नही रहते है उसे अजलीय विलयन कहते है जैसे , मिश्रधातु। 

विलयन के प्रकार :-

विलायक की उपस्थिति के आधार पर विलयन को तीन भागो में बाटा गया है :-
  1. ठोस विलयन 
  2. द्रव्य विलयन 
  3. गैसीय विलयन 
ठोस विलयन :-

वे विलयन जिसमे विलायक के रूप में ठोस उपस्थित रहता है उसे ठोस विलयन कहते है। 

विलेय की प्रकृति के आधार पर ठोस विलयन को तीन भागो में बाटा गया है :-
  1. ठोस में ठोस विलयन 
  2. ठोस में द्रव्य विलयन 
  3. ठोस में गैस विलयन 
ठोस में ठोस विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलायक और विलेय दोनों ठोस होता है उसे ठोस में ठोस विलयन कहते है। जैसे , तांबा में जिंक ( पीतल )

ठोस में द्रव्य विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय द्रव्य तथा विलायक ठोस होता है उसे ठोस में द्रव्य विलयन कहते है जैसे , सोना में पारा।
 
ठोस में गैस विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय गैस तथा विलायक ठोस होता है उसे ठोस में गैस विलयन कहते है जैसे हाइड्रोजन का पैलेडियम। 

द्रव्य विलयन :-

वे विलयन जिसमे विलायक के रूप में द्रव्य उपस्थित रहते है उसे द्रव्य विलयन कहते है। 

विलेय की प्रकृति के आधार पर द्रव्य विलयन को तीन भागो में बाटा गया है :-
  1. द्रव्य में ठोस 
  2. द्रव्य में द्रव्य 
  3. द्रव्य में गैस  
द्रव्य में ठोस :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय ठोस तथा विलायक द्रव्य होता है उसे द्रव्य में ठोस कहते है जैसे , जल में चीनी , जल में गुलकोज। 

द्रव्य में द्रव्य :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय द्रव्य तथा विलायक द्रव्य हो उसे द्रव्य में द्रव्य कहते है जैसे , जल में शराब या पानी में अल्कोहल। 

द्रव्य में गैस :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय गैस तथा विलायक द्रव्य हो उसे द्रव्य में गैस कहते है जैसे ,जल में घुला हुआ ऑक्सीजन। 

गैसीय विलयन :-

वे विलयन जिसमे विलायक के रूप में गैस उपस्थित रहता है उसे गैसीय विलयन कहते है। 

विलेय की प्रकृति के आधार पर गैसीय विलयन को तीन भागो में बाटा गया है :-
  1. गैस में ठोस विलयन 
  2. गैस में द्रव्य विलयन 
  3. गैस में गैस विलयन 
गैस में ठोस विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय ठोस तथा विलायक गैस होता है उसे गैस में ठोस विलयन कहते है जैसे , हवा में कपूर। 

गैस में द्रव्य विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय द्रव्य तथा विलायक गैस हो उसे गैस में द्रव्य विलयन कहते है जैसे , हवा में अमोनिया। 

गैस में गैस विलयन :-

वैसा विलयन जिसमे विलेय तथा विलायक दोनों गैस होता है उसे गैस में गैस विलयन कहते है जैसे , ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन का मिश्रण। 

किसी विलयन की सान्द्रता को व्यक्त करने की निम्नलिखित विधि है :-
  1. प्रतिशतता ( Percentage )
  2. भाग प्रतिमिलयन ( Parts permition )
  3. मोल प्रभाज ( Mole fraction )
  4. मोलरता ( Molarity )
  5. मोललता ( Molality )
  6. सामान्यता ( Normality )
  7. ग्राम तुल्यांक संख्या ( No. of gneaulivalent )
प्रतिशतता :-

प्रतिशतता व्यक्त करने की तीन विधि है :-

द्रव्यमान प्रतिशतता :-

100 ग्राम विलयन में उपस्थित विलेय की द्रव्यमान या मात्रा को द्रव्यमान प्रतिशतता कहते है। 
  • इसे w/wसे सूचित किया जाता है। 
           द्रव्यमान प्रतिशतता = विलेय का द्रव्यमान/विलयन का द्रव्यमान * 100 

आयतन प्रतिशतता :-

100 mL विलयन में उपस्थित विलेय का आयतन को आयतन प्रतिशतता कहते है। 
  • इसे v/v % से सूचित किया जाता है 
आयतन प्रतिशतता = विलेय का आयतन/विलयन का आयतन * 100 

द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता :-

100 ml विलयन में उपस्थित विलेय के द्रव्यमान को उस विलेय का द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता कहते है। 
  • इसे w/v % से सूचित किया जाता है। 
द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता = विलेय का द्रव्यमान/विलयन का आयतन * 100 

भाग प्रतिमिलयन :-

किसी विलयन के 106 भाग मे उपस्थित विलेय के भागो की संख्या को भाग प्रतिमिलयन कहते है। 
  • इसे Ppm से सूचित किया जाता है 
  • जिस विलयन मे विलेय की मात्रा बहुत कम होती है उस विलेय की सांद्रता व्यक्त करने के लिए Ppm का प्रयोग किया जाता है 
  • Ppm = विलेय की भागो की संख्या/विलयन के कुल भागो की संख्या * 106

मोल प्रभाज :-

किसी विलयन मे उपस्थित एक अवयव के मोलो की संख्या और उस विलयन के सभी अवयवो के मोलो की संख्या के अनुपात को मोल प्रभाज कहते है। 
  • इसे मोल अंश भी कहा जाता है। 
  • इसे x से सूचित किया जाता है
  • इसका कोई मात्रक नही होता है 
  • इसके दोनो अवयवो के मोल प्रभाज का योग 1 होता है।  
A का मोल प्रभाज = A के मोलो की संख्या/A के मोलो की संख्या + B के मोल की संख्या 

xA = nA/nA+n

जहाँ nA = A अवयवो के मोलो की संख्या , nB = B अवयवो के मोलो की संख्या 

मोलरता :-

किसी विलयन के एक लिटर या 1000 ml मे उपस्थित विलेय के मोलो की संख्या को उस विलयन की मोलरता कहते है। 

  • इसे M से सूचित किया जाता है 
  • यह ताप द्वारा प्रभावित होता है 
मोलरता = विलेय की मोलो की संख्या/विलयन का आयतन(ml) *1000 

मोललता :-

किसी विलयन के 1 kg या 1000g विलायक मे उपस्थित विलेय की मोलो की संख्या को उस विलयन की मोललता कहते है। 
  • इसे m से सूचित किया जाता है 
  • यह ताप द्वारा प्रभावित नही होता है 
मोललता = विलेय की मोलो की संख्या/विलायक का द्रव्यमान(kg मे )

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