Manish Sharma

कैथोड किरण और एनोड किरण क्या है?

कैथोड किरण  

काँच की एक लंबी नली ( विसर्जन नली ) मे कोई गैस लेकर लगभग 0.01 mgh दाब पर धातु के दो इलेक्ट्रॉन के बीच 1000 वोल्ट विभवांतर की विधुत धारा प्रभावित किया गया जिससे कैथोड के सामने हरे रंग की किरणे या चमक दीवार पर उत्पनन हुई जिससे निष्कर्ष निकलता है की कैथोड से एक विशेष प्रकार की किरणे निकलती है जो सीधी रेखा मे गमन करके सामने की दीवार पर परती है इन किरणो का नाम गोल्टस्टीन ने कैथोड किरणे रखा। 

कैथोड किरण के गुण :-

  1. कैथोड किरणो के मार्ग मे जब किसी हलकी वस्तु को रखा गया तो उस वस्तु मे गति उत्पनन हुई इससे सिद्ध होता है की ये किरणे अत्यंत छोटे - छोटे द्रव कणो से बने होते है। 
  2. इन किरणो के मार्ग मे किसी वस्तु को रखने पर उसमे ऊष्मा उत्पनन होती है 
  3. जब इन किरणो को विधुत या चुम्बकीय क्षेत्रो से गुजारा जाता है तो यह अपने पथ से विचलित हो जाती है इससे स्पष्ट होता है की किरणे ऋण आवेशित होती है। 
  4. जब इसके मार्ग मे किसी अपारदर्शी वस्तु को रखी जाती है तो इसके पीछे छाया का निर्माण होता है इससे सिद्ध होता है की ये किरणे तीव्र वेग से सीधी रेखा मे गमन करती है। 
  5. इसका आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर होती है 1.6 * 10-19 कूलाबं ( C )
  6. इसकी मात्रा या द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान के बराबर 9.1 * 10-31kg होती है। 
  7. कैथोड किरण को केवल गैस का प्रयोग करके पैदा किया जा सकता है 
  8. कैथोड किरणे अदृश्य होती है और सीधी रेखाओ में चलती है 
  9. यह फोटोग्राफीक प्लेट को प्रभावित करता है 
  10. कैथोड किरण का वेग , प्रकाश के वेग का 1/10 गुणा होता है 
  11. इसकी वेधन क्षमता कम होती है यह पतली धातु की चादर से पार कर जाती है 
  12. यह गैसो को आयनीकृत कर देती है एंव धातु पर उष्मीय प्रभाव दिखलाती है 
  13. जब कैथोड किरणे किसी उच्च परमाणु क्रमांक वाली धातु पर गिरती है तो X-किरणे उत्पनन करती है 

एनोड किरण :-

गोल्डस्टीन नामक वैज्ञानिक ने विसर्गनली के कैथोड मे बारीक छिद्र कर प्रयोग करने के बाद देखा की एनोड से कैथोड की और कुछ विशेष प्रकार की किरणे गमन कर रही है जिसका नाम उन्होंने एनोड किरणे रखा। 

एनोड किरण की उत्पति :-

कैथोड किरणो के इलेक्ट्रॉन विसर्गनली मे गैस के परमाणु पर प्रहार करते है जिसके फलस्वरूप परमाणुओ मे से इलेक्ट्रॉन निकल जाते है तथा परमाणु धनायन मे परिवर्तित हो जाते है अतः एनोड किरणे एनोड के द्रव्यमान से नही बल्कि एनोड और कैथोड के बीच के गैस से उत्पन होती है। 

एनोड किरण के गुण :-
  1. इन कणो का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है। 
  2. इन कणो पर इकाई धन आवेश रहता है जो इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर लेकिन विपरीत चिन्ह वाले होते है। 

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