रेलमार्ग के विकास की कुछ उपलब्धियाँ
रेलमार्ग के विकास की कुछ उपलब्धियाँ निम्नलिखित है -
- मंगलूर और मुंबई के बीच रेलमार्ग बना है।
- फरक्का और मोकामा में गंगा नदी पर रेलपुलो का निर्माण किया गया है।
- तीव्रगामी रेल सेवाएँ आरंभ की जा चुकी है जैसे शताब्दी एक्सप्रेस , राजधानी एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस।
- भूमिगत रेलमार्ग बने है ( कोलकत्ता और दिल्ली में )
- लंबी दूरी की गाड़िया आरंभ की गई है जैसे डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक विवेक एक्सप्रेस ( साप्ताहिक )
- सामान और सवारी की ढुलाई में अत्यधिक वृद्धि तथा औधोगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अधिकांश स्टेशनों पर आरक्षण के लिए कंप्यूटर का प्रयोग
- महानगरों में दैनिक यात्रियों के आवागमन के लिए DMU , EMU और MEMU रेलगाड़ी चलाई जा रही है।
- जनशताब्दी नाम से चलनेवाली गाड़िया दो बड़े महानगरों या बड़े नगरों को जोड़ती है।
- आजकल रेल इंजनों में स्वनियंत्रण युक्ति ACD की व्यवस्था रहती है जिससे दुर्घटनाओं को रोकने में सहायता मिलती है।
- देश की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की ओर देश - विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राजस्थान में शाही रेलगाड़ी पैलेस ऑन ह्रिल्स , महाराष्ट्र में डेक्कन ओडेसी , शिमला, ऊटी। माउंट आबू , दार्जिलिंग इत्यादि पर्वतीय पर्यटन - स्थलों के लिए नैरो गेज या विशिष्ट गेज की गाड़िया बहुत धीमी गति से चलाई जाती है।
- भारतीय रेलवे से एक वर्ष में यात्रा करनेवाले यात्रियों की संख्या देश की कुल जनसंख्या का लगभग 6 गुणा है।
- रेलवे की संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा का भार GRP , GRF , RPF पर है।
- भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी और विश्व में चौथे स्थान पर है भारत में कुल 20884 किलोमीटर रेलमार्ग विधुतीयकृत है।
- विधुतीकृत रेलगाड़ियाँ रूस के बाद सबसे अधिक भारत में ही चलती है।
- पटना में गंगा नदी पर रेल पुल के निर्माण का कार्य प्रगति पर है जिससे बिहार के दूरस्थ स्थानों की यात्रा में समय तथा पैसे की बचत होगी।
- चेन्नई , हैदराबाद , जयपुर , कोचीन एवं लखनऊ में मेट्रो रेल चलाए जाने के लिए कार्य जारी है।
- अभी तक मेघालय एकमात्र ऐसा राज्य था जहाँ रेलमार्ग विकसित नही हो पाया था परंतु 26 नवंबर 2014 को वहाँ के मेंहदीपत्थर से गुवाहाटी तक पहली यात्री रेल सेवा प्रारंभ हो गई।
- भारत में 7172 रेलवे स्टेशन है।
- रेलमार्ग की कुल लंबाई 65436 किलोमीटर है।
- भूमिगत रेलमार्ग कोलकाता और दिल्ली में बनाए जा चुके है।
- रेलमार्गो का विधुतीकरण तेजी से किया जा रहा है।
- 57256 यात्री गाड़ियों और 6614 अन्य सवारी गाड़ियों को चलाने के लिए 9956 रेल इंजन है।
- 16 जुलाई 1991 को जीवन - रेखा एक्सप्रेस नाम की एक विशेष रेलगाड़ी चलनी शुरू हुई इसके डिब्बों में अत्याधुनिक सुविधायुक्त अस्पताल है यह रेलगाड़ी देश के विभिन्न भागों विशेषतः पिछड़े क्षेत्रों में विभिन्न स्टेशनों पर कुछ दिन रुककर उस क्षेत्र के रोगियों का इलाज करने में मदद करती है और फिर अगले पड़ाव के लिए चल परती है जहाँ पूर्व सूचना के अनुसार रोगियों को बुला लिया जाता है यह विश्व में अपनी तरह की एक अनोखी रेलगाड़ी है इसे पहियों पर चलनेवाला अस्पताल भी कहा जाता है।
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