संचार का महत्त्व और प्रभाव
संचार कई दृष्टिकोणों से अति महत्वपूर्ण है जिनके कुछ उदाहरण निम्नलिखित है -
समाचार का ज्ञान :-
प्राचीनकाल में समाचार पहुँचाने के लिए हरकारों का उपयोग होता था डाक की सुविधा से लोग पत्रों द्वारा दूर - दूर तक समाचार पहुँचाते है अब तो मोबाइल सुविधा उपलब्ध होने पर पत्राचार प्रायः बंद ही हो गया है समाचारपत्र , रेडियो , टेलीविजन से विश्व के किसी भाग में होनेवाली घटना की सूचना हमे तत्काल मिल जाती है दुर्घटनाओं की जानकारी तुरंत मिलने से सहायता शीघ्र पहुँचाई जा सकती है।
आर्थिक विकाश :-
किसानों को मौसम की जानकारी रेडियो या टेलीविजन द्वारा मिलती रहती है वर्षा , सूखा , तूफान इत्यादि की स्थिति देखकर वे फसल लगाने , सिंचाई करने अथवा समुचित सुरक्षा का निर्णय लेते है अब तो रेडियो या टेलीविजन द्वारा किसानों को आवश्यक शिक्षा और सलाह भी उपलब्ध कराई जा रही है व्यापारी भिन्न - भिन्न भागों में बाजार भाव की जानकारी प्राप्त कर उसका उपयोग अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए करते है वैशवीकरण के बाद तो विश्वबाजार की स्थिति देखकर ही व्यापार की दिशा तय की जाती है शेयर बाजार तो पूरी तरह संचार - व्यवस्था पर आधारित है इस प्रकार संचार सर्वांगीण विकास का मुख्य माध्यम है।
मनोरंजन और ज्ञान का विकास :-
समाचारपत्र , रेडियो , टेलीविजन , सिनेमा से ज्ञान की प्राप्ति के साथ मनोरंजन भी होता है इनके बिना मनुष्य पशुतुल्य हो जाएगा अब तो इंटरनेट की सुविधा से ज्ञान का अक्षय और अपार भंडार हाथ लग गया है इससे दूरस्थ कक्षा में शिक्षा भी दी जाने लगी है तथा टेली - मेडिसिन द्वारा किसी देश के डॉक्टर की सलाह दूसरे देश में मरीजों को मिल जा रही है लोग घर बैठे सिनेमा और सीरियल भी देख सकते है तथा विश्व के किसी कोने में होनेवाले खेल या संगीत कार्यक्रमों का आनंद उठा सकते है।
विश्वबंधुत्व की भावना का विकास :-
ई-मेल , फेसबुक , ट्विवटर इत्यादि के जमाने में कोई अपने आप को देश - दुनिया से अलग कैसे रख सकता है बच्चे या बूढ़े अपने ट्विवटर या फेसबुक से सारी दुनिया से संवाद करते है ई-मेल तो चैटिंग ( गपबाजी ) के लिए मशहूर है चाहे जान - पहचान भले न हो। न भाषा रोक पाती है न देश की सीमाएँ। एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद भी कंप्यूटर ही कर देता है इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी तथा सलाहकार कंपनियाँ विश्व के किसी भाग में अपनी सेवाएँ देती है।
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